विचार आपको रोबो बना देते है | Thoughts Makes You Robot!

सामने जो भी प्रसंग या घटना घटित हो रही है, वह आपमें भावनाए (फिलिंग्ज) नही जगा रही है, जी; तो सभी फिलिंग्ज कहांसे जनम ले रहे है? आपके खुदके विचारोंमेंसे। सामने घट रही घटना के बारेमें आप जब सोचना शुरु करते हो, तब भावनाए आती है। पनपती है। 

जब आपको समझ रहा है की, बिनामतलब वाले या बिना इंपॉर्टन्स के विचार मन को बारबार घिरे जा रहे है, तो उन विचारोंकी जगह पर हेल्प करनेवाले, प्रेरणा देनेवाले विचारोंको डाल दिजिए।

किस प्रकार के वर्तन या व्यवहार से आपको बहुत अच्छा या बहुत बुरा फील होता है, उसे समझनेका, जाननेका प्रयास हमेशा करते रहे।

आपका फोकस (ध्यान) हमेशा किसी विशिष्ट काम पर या अपने इर्दगिर्द के माहौल पर होना जरुरी है।

जिस सिच्युएशन से आप हमेशा डरते हो, चिंतित होते हो, उसकी वजह से आपकी बेचैनी बढ जाती है, (जिसे प्रचलित भाषा में एंझायटी कहते है) उस सिच्युएशन को टालते हुए बारबार उससे दूर भागनेसे आपकी मानसिक अवस्था सुधारेगी नही। बल्कि और भी ज्यादा तकलीफदेह बन जाती है। भागिए मत, सामना किजिए।

कोई भी क्रिया आपको अंदरसे, जैसे भी करना ठीक लग रहा है, उसे वैसे संपन्न किजिए। व्यर्थ की नकारात्मकता से कोसों दूर रहिए।

दुसरोंसे कुछ न कुछ आशा या उम्मीद रखना बंद किजिए। दुसरोंसे की जानेवाली एक्सपेक्टेशन्स निराशा दे सकती है।

और यह क्या? आप आज भी अपने आपको पुरानी बातोंके लिए कोंस रहे है? छोड दिजिए यह सब।

अपने मन की बाते, किसि अच्छे व्यक्ती के साथ शेअर किजिए। पॉझिटिव्ह लोगोंमें रहिए। उनसे मित्रता करे।

हमेशा कुछ न कुछ नया प्रेरणादायी सिखते रहे। आपको बहुत अच्छा लगेगा।

आपको यह विचार कैसे लगे, यह मुझे जरुर बताना। यह लेखन कॉपीराईटेड है। इसे मैने स्वयं लिखा है। इसका स्क्रीनशॉट ना निकाले, एवं इस लेख को कॉपीपेस्ट ना करे। कॉपीराईट लॉ का पालन किजिए। इस ‘आर्टिकल की लिंक आप अपने दोस्तोंको शेअर किजिए।’

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