मीठी वाणी, तुम्ही हो ज्ञानी। | हिंदी बोधकथा
एक बार एक वीर राजा अपने सहचरों के साथ शिकार खेलने जंगल में गया था। वहाँ शिकार के चक्कर में, सभी एक दूसरे से बिछड़ […]
एक बार एक वीर राजा अपने सहचरों के साथ शिकार खेलने जंगल में गया था। वहाँ शिकार के चक्कर में, सभी एक दूसरे से बिछड़ […]
1 राहों में कांटे बिछाए तो क्या,मंजिल तक पहुँचने का जज़्बा कम न होगा।ख्वाबों की उड़ानें कभी थमती नहीं,हौंसलों का आसमां किसी से कम न […]
एक बार की बात है, किसी जंगल में एक कौआ रहता था, वो बहुत ही खुश था, क्योंकि उसकी बहुत ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं। वह […]
प्रह्लाद ऋषि कश्यप और दिति के पुत्र हरिण्यकश्यप का पुत्र था। प्रह्लाद की माता कयाधु थी जो कि विष्णु भक्त थी और भक्त प्रह्लाद इनसे […]
एक योगी तपस्वी थे। एक दिन वे एक भूपती नामक दानधर्मी राजा के महल में पहुँचे। भूपती राजा को आनंद हुआ। राजा गद्गद् हो गए […]
एक बार एक शिव-भक्त अपने गाँव से केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला। पहले यातायात की सुविधाएँ तो थी नहीं, वह पैदल ही निकल पड़ा। […]
कृष्णनगर के पास एक गांव में एक ब्राह्मण रहते थे। वे ब्राह्मण पुरोहिती का काम करते थे। एक दिन यज़मान के यहाँ पूजा कराकर घर […]
अमरीश नामक एक राजा था। उसने परमात्मा को खोजना चाहा। वह किसी आश्रम में गया। उस आश्रम के प्रधान साधु महाराज ने कहा, जो कुछ […]
एक सिद्ध स्त्री सारंगी, एक बार कई संतों के संग बैठी बातें कर रही थी। तभी दुसरे एक सिद्ध जितेंद्रीय जी, वहाँ आ पहुँचे और […]
एक गांव में एक महापुरुष रहता था। वह कुएं पर स्वयं को लटकाकर ध्यान करता था, और वह कहता था, “जिस दिन यह जंजीर टूटेगी, […]
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