चकमक पत्थर: भक्त प्रल्हाद व अग्नी नारायण | हिंदी बोधकथा | Chakmak Bhakt Pralhad and Agni Narayana
प्रह्लाद ऋषि कश्यप और दिति के पुत्र हरिण्यकश्यप का पुत्र था। प्रह्लाद की माता कयाधु थी जो कि विष्णु भक्त थी और भक्त प्रह्लाद इनसे […]
प्रह्लाद ऋषि कश्यप और दिति के पुत्र हरिण्यकश्यप का पुत्र था। प्रह्लाद की माता कयाधु थी जो कि विष्णु भक्त थी और भक्त प्रह्लाद इनसे […]
एक योगी तपस्वी थे। एक दिन वे एक भूपती नामक दानधर्मी राजा के महल में पहुँचे। भूपती राजा को आनंद हुआ। राजा गद्गद् हो गए […]
एक बार एक शिव-भक्त अपने गाँव से केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला। पहले यातायात की सुविधाएँ तो थी नहीं, वह पैदल ही निकल पड़ा। […]
हिंदू धर्म में संकटमोचन श्री हनुमान जी की साधना अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि सप्त चिरंजीवी में से […]
कृष्णनगर के पास एक गांव में एक ब्राह्मण रहते थे। वे ब्राह्मण पुरोहिती का काम करते थे। एक दिन यज़मान के यहाँ पूजा कराकर घर […]
अमरीश नामक एक राजा था। उसने परमात्मा को खोजना चाहा। वह किसी आश्रम में गया। उस आश्रम के प्रधान साधु महाराज ने कहा, जो कुछ […]
एक सिद्ध स्त्री सारंगी, एक बार कई संतों के संग बैठी बातें कर रही थी। तभी दुसरे एक सिद्ध जितेंद्रीय जी, वहाँ आ पहुँचे और […]
एक गांव में एक महापुरुष रहता था। वह कुएं पर स्वयं को लटकाकर ध्यान करता था, और वह कहता था, “जिस दिन यह जंजीर टूटेगी, […]
दक्षिण भारत में एक छोटा सा राज्य था। उसका नाम बल्लारी था। एक बार छत्रपती शिवाजी महाराजजी की सेना ने उसपर आक्रमण किया। बल्लारी राज्य […]
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